ईपीएफओ के नियम के मुताबिक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी का पीएफ तब कटता है जब मूल वेतन और महंगाई भत्ता को मिलाकर उसका कुल वेतन 15 हजार होता है और अगर किसी कर्मचारी का वेतन 15 हजार से ज्यादा है तो ऐसी स्थिति में उसका पीएफ कटना जरूरी नहीं है, यह कर्मचारी और एंप्लॉयर की मर्जी पर निर्भर करता है, चलिए हम इसे एक उदाहरण से समझते हैं –

मान लीजिए कि किसी कम्पनी में एक कर्मचारी का वेतन 15 हजार है तो उसका पीएफ कटना अनिवार्य है लेकिन अगर उस कर्मचारी का वेतन 18 हजार है तो ऐसे में उसका पीएफ तब तक नहीं कटेगा जब तक कर्मचारी और उसका एंप्लॉयर इस बात के लिए तैयार ना हो, अगर कर्मचारी इस स्थिति में अपना पीएफ कटवाना चाहता है तो इसके लिए उसे अपने एंप्लॉयर से बात करनी होगी और जब एंप्लॉयर इसकी इजाजत दे देगा तभी कर्मचारी का पीएफ कट सकता है।
वहीं अगर कोई कर्मचारी एक कम्पनी छोड़कर दूसरी कम्पनी में जॉब करने जाता है और उसके पास आलरेडी यूएन नंबर है तो 15 हजार से ज्यादा वेतन होने के बाद भी उसकी कम्पनी को उसका पीएफ काटना ही होगा।
आप कितनी बार अपना पीएफ निकाल सकते हैं?