UAN or PF Q&A: UAN एक्टिवेशन, कितने पीएफ अकाउंट, 2 UAN नंबर, यूएएन नंबर निष्क्रिय, 10 साल बाद पीएफ

UAN or pf se sambandhit prashn
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UAN एक्टिवेशन के लिए मेंबर आईडी क्या है?

अगर आप किसी कम्पनी में नौकरी करते हैं और आपकी सैलरी 15 हजार रुपए है तो आपकी कम्पनी ने आपका पीएफ यानि कि प्रोविडेंट फंड अकाउंट जरूर ओपन कराया होगा। अगर ऐसा है तो पीएफ अकाउंट ओपन करने के समय ईपीएफओ की ओर से आपको 22 अंको की एक आईडी दी गई होगी, इसे ही मेंबर आईडी कहते हैं।

इस मेंबर आईडी में अंग्रेजी के अल्फाबेट और डिजिट दोनों होते हैं इसलिए इसे अल्फा न्यूमैरिक नंबर भी कहा जाता है। यह एक यूनिक आईडी होती है जो कर्मचारी के राज्य, रीजनल पीएफ ऑफिस, कम्पनी और मेंबर कोड को दर्शाती है।

इसके पहले दो अल्फाबेट राज्य को दर्शाते हैं, इसके बाद के अल्फाबेट रीजनल ऑफिस को दर्शाते हैं, इसके बाद के जो डिजिट्स होते हैं वे एस्टेब्लिशमेंट आईडी है, अगले तीन डिजिट एस्टेब्लिशमेंट का एकस्टेंशन आईडी होते हैं और आखरी के 7 डिजिट पीएफ सदस्य का मेंबर कोड होते हैं।

मेंबर आईडी हर कर्मचारी को पता होना जरूरी होता है क्योंकि इसके बिना कोई अपने UAN को एक्टिवेट नहीं करा सकता है, इसके अलावा और भी कई ऑनलाइन प्रोसेस में मेंबर आईडी की जरूरत पड़ती है। आप चाहें तो घर बैठे ही अपनी मेंबर आईडी जान सकते हैं जिसके लिए आपको यह प्रोसेस फॉलो करना होगा –

  • सबसे पहले ईपीएफओ पोर्टल पर जाएं।
  • अपने UAN नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर साइन इन करें।
  • View के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • सर्विस हिस्ट्री पर क्लिक करें।
  • आपके सामने आपकी पूरी हिस्ट्री आ जाएगी जहा आप अपनी मेंबर आईडी भी देख सकते हैं।

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क्या 15000 से ज्यादा सैलरी से पीएफ काटना अनिवार्य है?

अगर किसी कर्मचारी की सैलरी और मासिक भत्ता की कुल राशि 15 हजार रुपए है तो उस पर पीएफ कटना अनिवार्य है लेकिन बहुत से लोगो को यह डाउट होता है कि क्या 15 हजार से ज्यादा सैलरी पर भी पीएफ कटना अनिवार्य है या नहीं तो मै आपको बता दूं कि अगर कर्मचारी के पास पहले से UAN नंबर है यानि कि वह EPF में सदस्य के रूप में रजिस्टर है तो उसका भी पीएफ कटना अनिवार्य है लेकिन अगर उसके पास यूएन नंबर नहीं है तो उसका पीएफ कटना जरूरी नहीं है, आइए इस एक उदाहरण से समझते हैं –

मान लीजिए कि आपने एक कम्पनी में काम किया जहा आपकी सैलरी 15 हजार थी और उस कम्पनी ने आपको ईपीएफ में सदस्य के रूप में रजिस्टर कर दिया है यानि आप पीएफ होल्डर बन गए तो उस कम्पनी में तो आपका पीएफ कटेगा ही साथ ही अगर आप उस कम्पनी को छोड़कर किसी और कम्पनी में जॉब करने जाते हैं और वहां आपकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा होती है, तो उस स्थिति में भी आपका पीएफ अनिवार्य रूप से काटा जाएगा। वहीं अगर आप पीएफ के सदस्य नहीं हैं और पहली बार किसी ऐसी कम्पनी में काम रहे है जहां आपकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है तो उस स्थिति में आपका पीएफ नहीं कटेगा।

अगर आप 15 हजार से ज्यादा सैलरी होने पर भी पीएफ सदस्य बनना चाहते हैं तो इसके लिए ये जरूरी है कि आपका एंप्लॉयर इस बात से सहमत हो, अगर ऐसा है तो 15 हजार से ज्यादा सैलरी होने पर भी पीएफ योजना का लाभ उठाया जा सकता है।

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एक व्यक्ति के कितने पीएफ अकाउंट हो सकते हैं?

EPFO के नियम के अनुसार एक व्यक्ति का केवल एक पीएफ एकाउंट ही हो सकता है और अगर किसी कर्मचारी के दो या उससे ज्यादा पीएफ एकाउंट खुल जाते हैं तो उसे सारे पीएफ एकाउंट को करंट अकाउंट में मर्ज करना जरूरी है वरना आगे चलकर उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

कोई कर्मचारी जितनी कम्पनी में नौकरी करने जाता है उतनी कम्पनी के एंप्लॉयर द्वारा उसका पीएफ अकाउंट ओपन कर दिया है, ऐसी स्थिति में सारे पीएफ अकाउंट को करंट अकाउंट में जोड़ना जरूरी हो जाता है, अगर कोई कर्मचारी पीएफ अकाउंट को मर्ज किए बिना ही पीएफ क्लेम करने जाता है तो उसे करंट पीएफ अकाउंट के पैसे ही शो होते है यानि कि पुराने सभी पीएफ एकाउंट का पैसा फस जाता है और कर्मचारी को सिर्फ करंट पीएफ अकाउंट के पैसे ही मिलते हैं, इसलिए एक कर्मचारी के पास एक ही पीएफ एकाउंट होना चाहिए जिसमें उसके सारे पुराने अकाउंट जुड़े हुए हों, ऐसा करने से वह कर्मचारी अपने सारे पीएफ एकाउंट पर नजर रख सकता है और उन्हें आसानी से मैनेज भी कर सकता है।

सैलरी से कितना पीएफ काटा जाता है?

अगर आप पीएफ सदस्य है तो आप जानते ही होंगे कि हर महीने आपकी सैलरी से कितने पैसे कटते होंगे लेकिन अगर आपको इसका कोई आइडिया नहीं है तो चलिए मै आपको इसकी जानकारी पूरी डीटेल में देता हूं-

ईपीएफओ के नियम के मुताबिक जो भी पीएफ सदस्य हैं उनकी सैलरी का 12% हिस्सा काटकर पीएफ फंड में जमा किया जाता है और उस कर्मचारी का एंप्लॉयर भी उतना ही पैसा कर्मचारी के पीएफ में डालता है यानि कि कर्मचारी का 12% हिस्सा और एंप्लॉयर का 12% हिस्सा मिलाकर कुल 24% हिस्सा पीएफ में जमा होता है।

उदाहरण: मान लीजिए आपकी सैलरी 15 हजार रुपए है तो इस सैलरी का 12% यानि कि 1800 रुपए पीएफ के रूप में काटा जाएगा और 1800 रुपए एंप्लॉयर भी पीएफ में जमा करेगा।

लेकिन एंप्लॉयर का जो 12% हिस्सा पीएफ में जमा होता है उसे दो भागो में बांट दिया जाता है, इसका 8.33 % हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में और बाकी का 3.67% हिस्सा पीएफ फंड में जमा होता है।

Employee Shareसैलरी का 12%
Employer shareकर्मचारी की सैलरी का 12% (पीएफ + पेंशन)
Total Share24%

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अगर आपके पास 2 UAN नंबर हैं तो क्या करें?

अगर आपके पास दो UAN नंबर है तो आगे जाकर आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि दो UAN नंबर रखना अवैध है। जब कोई कर्मचारी एक जॉब छोड़कर दूसरी कम्पनी में जॉब करने जाता है और दूसरी कम्पनी को अपना पहला UAN नंबर नहीं बताता या उसकी पहली कम्पनी ने उसकी डेट ऑफ लिविंग मेंशन नहीं की होती तो इस स्थिति में दूसरी कम्पनी से भी उसे एक नया UAN नंबर मिल जाता है और ये बड़ी समस्या हो सकती है क्योंकि दो यूएन नंबर होने पर पीएफ क्लेम करते वक़्त पुराने पीएफ का पैसा फस जाता है।

ऐसे में पुराने यूएन से लिंक सभी पीएफ अकाउंट के पैसे को करंट पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर करना पड़ता है ताकि पीएफ क्लेम करते वक़्त कोई परेशानी ना आए। जब पुराने UAN के सभी पीएफ अकाउंट करंट UAN से लिंक हो जाते हैं यानि की करंट अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं तो पहले वाले UAN को डिएक्टिवेट कर दिया जाता है, आइए जानते हैं कि पुराने UAN को नए UAN में कैसे ट्रांसफर करते हैं –

  1. UAN पोर्टल पर जाएं।
  2. UAN नंबर, पासवर्ड और कैप्चा डालकर साइन इन करें।
  3. ऑनलाइन सर्विस पर क्लिक करें।
  4. One Member One PF Account के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  5. स्क्रॉल करके नीचे आएं और पुराने पीएफ एकाउंट की डिटेल में पहले प्रेजेंट एंप्लॉयर पर क्लिक करें।
  6. पुराने अकाउंट की मेंबर आईडी डालें।
  7. Get Details पर क्लिक करें।
  8. फिर उस एस्टेब्लिशमेंट को सेलेक्ट करे जिसके पीएफ को आप ट्रांसफर करना चाहते हैं।
  9. अब Get OTP पर क्लिक करें और आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर जो ओटीपी आएगा उसे दिए गए बॉक्स में डालकर सबमिट करें।
  10. इतना करने के बाद आपका ट्रांसफर रिक्वेस्ट एंप्लॉयर के पास चला जाएगा जहा से उसे फील्ड ऑफिस में भेजा जाएगा।
  11. लगभग 15 से 20 दिन में आपका पीएफ न्यू UAN में ट्रांसफर हो जाएगा और पुराना यूएन निष्क्रिय हो जाएगा।

पीएफ ट्रांसफर कैसे करें

क्या पीएफ निकालने के बाद यूएएन नंबर निष्क्रिय हो जाता है?

अगर आपके पास दो यूएन नंबर हो गए हैं तो इस स्थिति में पुराने यूएन से लिंक सारे पीएफ को नए UAN में ट्रांसफर करना जरूरी होता है, जब आपका पुराना पीएफ नए UAN में ट्रांसफर हो जाता है तो ईपीएफओ आपके पुराने UAN को निष्क्रिय कर देता है और इसके बाद इस डिएक्टिवेट यूएन नंबर का इस्तेमाल कभी भी नहीं किया जा सकता।

जब पुराना यूएन निष्क्रिय हो जाएगा तो उसके बाद आपके सारे पीएफ खाते खुद ही नए यूएन नंबर से लिंक हो जाएंगे और इसकी सूचना पीएफ सदस्य को ईपीएफओ के द्वारा SMS के जरिए मिल जाएगी।

क्या मुझे एक ही समय में दो कंपनियों से पीएफ मिल सकता है?

एक ही समय में दो कंपनियों में नौकरी करना डुअल एम्प्लॉयमेंट कहलाता है जो कुछ शर्तों के अनुसार ही लीगल माना जाता है तो अगर आप इन शर्तों का पालन करते हुए दो कम्पनी में जॉब कर सकते हैं और दोनों कम्पनी से पीएफ प्राप्त कर सकते हैं लेकिन इसमें आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

चलिए पहले हम उन शर्तों के बारे में जान लेते हैं जिसके तहत दो कंपनियों में काम किया जा सकता है –

  • दोनों कम्पनी में वर्किंग हाउर का समय अलग – अलग होना चाहिए यानि कि दोनों की टाइमिंग एक सेकंड से भी मैच नहीं करनी चाहिए, उदाहरण के लिए अगर आप एक कम्पनी में सुबह 7 से 12 बजे तक काम करते हैं तो दूसरी कम्पनी में काम करने का समय 12 बजे के बाद ही होना चाहिए।
  • दोनों कंपनियों का प्रोडक्ट या सर्विस अलग – अलग होनी चाहिए।
  • दोनों कंपनियां कॉम्पिटीटर नहीं होनी चाहिए।

अगर आप इन शर्तों का पालन करते हैं तो दो कम्पनी में लीगल तरीके से काम कर सकते हैं।

अब बात आती है पीएफ की तो अगर आप दोनों कम्पनी से पीएफ प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको पहले अपनी दोनों कम्पनी के एंप्लॉयर को ये बताना होगा कि आप दो जॉब करते हैं, अगर आपके दोनों कम्पनी के एंप्लॉयर को इससे कोई प्रॉब्लम नहीं होती है तो वे एक लेटर में इस बात को कन्फर्म करके आपको या ईपीएफओ को दे देंगे, इसके बाद अगर ईपीएफओ लेटर को अप्रूव कर देता है तो आप दो कम्पनी से पीएफ प्राप्त कर सकते है, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका दोनों अकाउंट होल्ड हो जाता है यानि कि आपके ऊपर कार्यवाही की जा सकती है।

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10 साल बाद पीएफ का क्या होता है?

अगर आप एक पीएफ होल्डर हैं और आपने अपनी 10 साल की जॉब सर्विस पूरी कर ली है तो इसके बाद आपका पीएफ मेच्योर हो जाता है यानि कि अब आप अपने पीएफ फंड से पूरा पीएफ क्लेम कर सकते हैं और आपको EPS ( Employee Pension Scheme) से हर महीने पेंशन मिलेगी जो न्यूनतम 1000 रुपए से अधिकतम 7000 रुपए हो सकती है।

लेकिन यहां आपको इस बात का ध्यान रखना है कि 10 साल की जॉब सर्विस के बाद भी आपको आपका मंथली पेंशन तब तक नहीं मिलेगा जब तक आपकी उम्र 58 वर्ष या उससे ज्यादा नहीं हो जाती, यानि 58 वर्ष के पहले आप पीएफ तो क्लेम कर सकते हैं लेकिन पेंशन की राशि प्राप्त नहीं कर सकते।

एक बार 10 साल की जॉब सर्विस करने के बाद आप कभी भी अपना पूरा पीएफ क्लेम कर सकते हैं जिसमें किसी भी प्रकार का टीडीएस नहीं काटा जाता।

क्या 21000 से ऊपर सैलरी के लिए पीएफ अनिवार्य है?

ईपीएफओ के नियम के अनुसार किसी कर्मचारी का पीएफ कब कटेगा और कब नहीं, आइए इसे एक – एक करके समझते हैं –

  • फिलहाल ईपीएफओ के नियम के अनुसार अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 15 हजार से ज्यादा है तो उसका पीएफ तब तक नहीं कटेगा जब तक इसके एंप्लॉयर की मर्जी ना हो, यानि कि अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 21 हजार या इससे ज्यादा है तो उसका पीएफ कटना अनिवार्य नहीं है।
  • मान लीजिए अगर कोई पीएफ सदस्य किसी कम्पनी में 15 हजार की सैलरी पर काम कर रहा है और उस जॉब को छोड़कर किसी ऐसी कम्पनी में जॉब करने जाता है जहां उसे 21 हजार या इससे ज्यादा सैलरी मिल रही है तो उसका पीएफ कटेगा क्योंकि पहली कम्पनी में काम करने के दौरान उसे ईपीएफओ में रजिस्टर किया जा चुका है।
  • अगर कोई कर्मचारी अपनी पहली कम्पनी में काम करते वक़्त 15 हजार से ज्यादा सैलरी प्राप्त कर रहा है यानि कि अगर वह अभी तक पीएफ सदस्य नहीं बना है तो उसका पीएफ कटना अनिवार्य नहीं है।
  • 15 हजार से ज्यादा मूल वेतन होने पर पीएफ तभी कट सकता है जब इसके लिए एम्पलाई और एंप्लॉयर दोनों तैयार हों।

तो इन नियमो के मुताबिक आप समझ सकते है कि 21 हजार से ऊपर सैलरी होने पर आपका पीएफ कटना अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर आपका पीएफ 21 हजार से ऊपर की सैलरी पर कटता है यानि कि अगर सरकार वेतन सीमा को 15 हजार से बढ़ाकर 21 हजार कर देती है  तो आगे रिटायर होने के बाद आपको अधिकतम 10 हजार की मंथली पेंशन प्राप्त हो सकती है।

पति की मृत्यु के बाद पत्नी को कितनी पेंशन मिलती है?

ईपीएफओ जो पेंशन योजना अपने पीएफ सदस्यों को प्रोवाइड करती है उसका सबसे बड़ा लाभ यही है कि इसमें मिलने वाला फैमिली पेंशन का लाभ परिवार के सदस्यों को भी मिलता है।

10 साल की जॉब सर्विस और 58 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद कर्मचारी मंथली पेंशन प्राप्त करने के लायक हो जाता है लेकिन अगर पेंशन प्राप्त करने के समय में उसकी मृत्यु हो जाती है तो इस पेंशन का लाभ कर्मचारी के पति/ पत्नी या बच्चो को मिलता है।

इसके नियम कुछ इस प्रकार हैं –

  • अगर किसी पुरुष कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उसका पीएफ मेच्योर हो चुका होता है तो पेंशन का लाभ उसकी पत्नी को मिलता है।
  • पति की मृत्यु के बाद पत्नी को 1000 रुपए हर महीने पेंशन के रूप में मिलते हैं।
  • पति की मृत्यु के बाद पेंशन का 50% हिस्सा पत्नी को दिया जाता है।
  • अगर किसी कर्मचारी की दो पत्नियां हैं तो पेंशन का हिस्सा पहली पत्नी को मिलता है और पहली पत्नी के मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी को पेंशन की राशि दी जाती है।

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